लेखनी प्रतियोगिता -19-Dec-2022 राम प्रसाद बिस्मिल को श्रद्धांजलि
शीर्षक-रामप्रसाद बिस्मिल को श्रद्धांजलि
19 दिसंबर को मनाया जाता है शहादत दिवस,
अशफाक उल्ला, रोशन सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल,
करते हम उनको श्रद्धांजलि अर्पित।
स्वतंत्रता के आंदोलन का था आगाज,
9 अगस्त 1925 की थी रात,
काकोरी कांड को दिया अंजाम।
देश प्रेम का था जज्बा,
आक्रोश से भरा जलवा,
वतन की करनी थी रक्षा।
सरकारी खजाने को लूट कर निभाया फर्ज,
सरकारी कांड के नाम से हुआ दर्ज,
ब्रिटिश सरकार में मच गया तहलका।
अंग्रेजों ने उनको पकड़ा,
चलाया उन पर मुकदमा,
सुनाई उनको फांसी की सजा।
पूछी उनसे आखिरी इच्छा,
बिस्मिल ने कहा मेरा है यही सपना,
भारत में भारतीयों का पहरा।
सरफरोशी की है तमन्ना,
देश को मिले स्वतंत्रता,
गौरो को है हमें खदेड़ना।
बिस्मिल के थे ऐसे अरमान,
फिर मिला फांसी का फरमान,
गोरखपुर की भूमि पर ली आखिरी सांस।
19 दिसंबर कि सुबह जगह गई अलख,
क्रांतिकारियों का फैला वर्चस्व,
गौरो के खिलाफ शुरू करी जंग।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Shashank मणि Yadava 'सनम'
12-Mar-2023 11:22 AM
बहुत ही उम्दा सृजन
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Gunjan Kamal
21-Dec-2022 09:24 PM
शानदार
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Sachin dev
20-Dec-2022 04:19 PM
Lajavab 🌺
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